Introduction of International Relation (अंतरराष्ट्रीय संबंधों का परिचय) Unit - 2 DU SOL NCWEB | All Semester and All Years

 Introduction of International Relation


अंतरराष्ट्रीय संबंधों का परिचय


Unit - 2



अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शीत युद्ध के बाद आए परिवर्तनों की विवेचना इस अध्याय में करेंगे। शीत युद्ध के बाद भरने वाले अंतरराष्ट्रीय संगठन तथा देशों के बारे में अध्ययन।


इस अध्याय के महत्वपूर्ण Point :


  • शीत युद्ध के बाद उभरे अंतरराष्ट्रीय संगठन और देश
  • यूरोपीय यूनियन
  • चाइना
  • रूस
  • जापान

शीत युद्ध की समाप्ति तथा सोवियत संघ के विघटन के साथ ही विश्व में काफी बड़े-बड़े परिवर्तन आए कई प्रकार के देश उभरकर सामने आए तथा एकमात्र महाशक्ति जिसे अमेरिका के नाम से जाना जाता है वह उभर कर सामने आई तथा उसने अपना वर्चस्व विश्व को दिखाया।



शीत युद्ध की समाप्ति के साथ ही अंतरराष्ट्रीय संगठन जैसे यूरोपीय यूनियन नाटो तथा गुटनिरपेक्ष आंदोलन की प्रसंगिकता में परिवर्तन आया कुछ संगठन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी महत्वपूर्ण हो गए तथा कुछ संगठनों की प्रासंगिकता पर उंगली उठाई जाने लगी।


शीत युद्ध की समाप्ति के साथ ही अंतरराष्ट्रीय संबंधों में भी काफी हद तक परिवर्तन आया क्योंकि विश्व में केवल एकमात्र महाशक्ति अमेरिका अपना वर्चस्व कायम कर रही थी वहीं अन्य कमजोर देश चाहते थे कि उनका संबंध अमेरिका के साथ अच्छा रहे जिसके लिए वह कार्य कर रहे थे तथा वहीं कुछ अन्य देश जैसे कि रूस अपना विकास तेजी से कर रहा था क्योंकि सोवियत संघ के विघटन के बाद सभी प्रकार की सुविधाएं पुरुष को प्राप्त हुई जैसे की सैन्य शक्ति परमाणु बम तथा अन्य सभी सुविधाएं।



क्षेत्र के समाप्ति के साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई प्रकार के मुद्दे उभर कर आए जिनमें से कुछ प्रमुख मुद्दे सैन्य शक्ति, सुरक्षा और विकास के मुद्दे थे। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवादी संगठन तथा आतंकवाद का विकास होने लगा जो कि एक प्रमुख मुद्दा था तथा आतंकवाद से सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई प्रकार के सैन्य कार्यवाही भी की गई थी। इसके साथ मानव अधिकार तथा अन्य प्रकार के अधिकारों पर भी राजनीतिज्ञ अपने विचार विमर्श किए।

गुटनिरपेक्ष आंदोलन ने शीत युद्ध के दौर में बहुत बड़े स्तर पर शीत युद्ध को समाप्त करने का कार्य किया गुटनिरपेक्ष आंदोलन के सभी देश किसी भी गुट में शामिल नहीं थे तथा वह दो देशों के बीच में होने वाले युद्ध को समाप्त करने के लिए कार्य कर रहे थे। परंतु शीत युद्ध की समाप्ति के साथ ही गुटनिरपेक्ष आंदोलन की प्रासंगिकता भी कम हो गई कई राजनीतिज्ञ ने कहा कि अब गुटनिरपेक्ष आंदोलन की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी राष्ट्र स्वतंत्र हैं।


शरीर के समाप्ति के साथ ही अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संगठन जैसे IMF और विश्व बैंक के वर्चस्व में बढ़ोतरी हुई तथा इन्होंने विश्व के विकास में तेजी लाई इसके साथ विश्व व्यापार संगठन ने विकसित तथा विकासशील देशों के विकास के लिए कार्य किया तथा अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संगठनों द्वारा इन देशों को धनराशि दी गई जिससे वह अपना विकास कर सके।


शीत युद्ध की समाप्ति के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई प्रकार के सैन्य कार्रवाई हुई जैसे कि 9/11, operation desert storm, operation Iraqi freedom etc.


अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बनाए गए महत्वपूर्ण संगठन जैसे कि शार्क साफ्टा ब्रिक्स यूरोपीय यूनियन इन संगठनों के विकास में तेजी आई तथा इन संगठनों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अंतरराष्ट्रीय संबंधों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।



उभरती हुई केंद्र शक्तियां : 

शीत युद्ध के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भरी हुई महा शक्तियां :


  • यूरोपीय यूनियन
  • चाइना
  • रूस
  • जापान

यह चार शक्तियां अंतरराष्ट्रीय स्तर पर केंद्र के रूप में उभरी -

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संगठन और इन देशों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। चाइना, रूस और जापान ने विश्व महाशक्ति अमेरिका को कड़ी प्रतिस्पर्धा दी है। इन सभी देशों तथा संगठनों ने अलग-अलग क्षेत्रों में बड़ी तेजी से विकास किया है जैसे अर्थव्यवस्था सुरक्षा तथा सामाजिक विकास। और इस प्रकार से यह सभी देश तथा संगठन एक प्रकार से शक्ति के केंद्र बन गए।

अगर कोई देश खुद को शक्ति का केंद्र बनाना चाहता है तो उसके पास बड़ी अर्थव्यवस्था, सैन्य शक्ति तथा एक अच्छी राजनीतिक व्यवस्था होनी चाहिए अगर किसी देश के पास यह सभी विशेषताएं हैं तो वह शक्ति का केंद्र बन सकता है।


शीत युद्ध के दौरान देशों के क्षेत्र खनिज संसाधन तथा आर्थिक संसाधनों पर अन्य संगठनों का दबाव था परंतु शीत युद्ध की समाप्ति के बाद विश्व के प्रत्येक देश को उसके आर्थिक संसाधन खनिज संसाधन तथा क्षेत्र पर अधिकार मिले।


वर्तमान में जिस देश के पास भी इन सभी क्षेत्रों में अच्छी स्थिति है वह देश एक प्रकार से विकसित देशों की श्रेणी में आते हैं।


1. यूरोपीय यूनियन : 


यूरोपीय यूनियन को शुरुआत में यूरोपीय समुदाय और यूरोपीय आर्थिक समुदाय के नाम से जाना जाता है था। यह एक प्रकार का समुदाय था जो अपने सदस्य देशों को आर्थिक रुप से सहायता प्रदान करता था।

यूरोपीय संघ का गठन 1993 मैं मास्ट्रिच संधि के तहत हुआ था।


द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप के कई देशों ने ऐसा सोचा कि हम सब को एक साथ मिलकर एक संगठन बनाना चाहिए तथा अपने अर्थव्यवस्था और सैन्य सुरक्षा का विकास करना चाहिए इस विचारधारा के तहत यूरोपीय यूनियन का गठन हुआ।


वर्तमान में यूरोपीय यूनियन में कुल 28 सदस्य देश शामिल है जनवरी 2020 में यूनाइटेड किंगडम ने यूरोपीय यूनियन की सदस्यता को छोड़ दिया था।


यूरोपीय यूनियन के सदस्य देशों के नाम : 
ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, बुल्गारिया, क्रोएशिया, साइप्रस गणराज्य, चेक गणराज्य, डेनमार्क, एस्टोनिया, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, हंगरी, आयरलैंड, इटली, लातविया, लिथुआनिया, लक्जमबर्ग, माल्टा, नीदरलैंड।
वर्ष 2017 में यूरोपीय यूनियन की जीडीपी 30 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर थी जोकिंग यह दर्शाती है कि यूरोपीय यूनियन अपना विकास बड़ी तेजी से कर रहा है तथा विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।
यूरोपीय संघ के सदस्य देशों ने मानव विकास के क्षेत्र में उच्च स्थान प्राप्त किया है तथा यूनाइटेड नेशन द्वारा पारित सूची में उच्च स्थान पाया है।
यूरोपीय यूनियन ने शांति नोबेल पुरस्कार को भी प्राप्त किया है जिससे यह पता चलता है कि यूरोपीय यूनियन के देशों में स्थिति बहुत ही अच्छी है तथा वहां किसी भी प्रकार का संघर्ष नहीं है।

यूरोपियन यूनियन का इतिहास समय सूची सहित: 


1950 तक, यूरोपीय कोयला और इस्पात समुदाय स्थायी शांति को सुरक्षित करने के लिए आर्थिक और राजनीतिक रूप से यूरोपीय देशों को एकजुट करना शुरू कर देता है। छह संस्थापक देश बेल्जियम, फ्रांस, जर्मनी, इटली, लक्जमबर्ग और नीदरलैंड हैं।
1957 व्यापार की उलझनों को मिटाने के लिए, बेल्जियम, फ्रांस, इटली, लक्जमबर्ग, नीदरलैंड्स और पश्चिमी जर्मनी ने मिलकर रोम की संधि के तहत यूरोपियन इकॉनोमिक कम्युनिटी यानि ईईसी का गठन किया.
14 जून 1985 को 10 सदस्य देशों में से 5 ने शेंगेन समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस समझौते से सहमत सदस्य देशों की सीमाएं आपस में खुल गई. 2016 तक 26 देश शेंगेन इलाके से जुड़ गए हैं.
2005 फ्रांस में यूरोपीय संघ के संविधान के खिलाफ जनमत संग्रह हुआ जिसमें उसे खारिज कर दिया गया. इसके बाद ऐसा ही नीदर​लैंड्स में भी हुआ. जबकि संविधान के प्रभावी होने के लिए सभी 27 देशों की सहमति की जरूरत थी.
31 जनवरी 2020 को आखिरकार ब्रिटेन यूरोपीय संघ से बाहर हो गया. हालांकि यूरोपीय संघ के नियमों के तहत 11 महीने के लिए संक्रमण काल में कई चीजों को लागू रखने का फैसला किया गया जो 31 दिसंबर को खत्म हो रहा है.

सैन्य शक्ति : 


शुरुआत में यूरोपीय यूनियन केवल अपनी अर्थव्यवस्था के विकास पर जोर दे रहा था परंतु वह किसी भी प्रकार की सैन्य शक्ति को अपने पास नहीं रखना चाहता था।

1999 में कोसोवो के युद्ध के बाद यूरोपीय यूनियन ने यह फैसला लिया कि वह कुछ हद तक सेना अपने पास रखेंगे और यूरोपीय यूनियन के अधिकांश देश नाटो संगठन के सदस्य थे जो कि एक प्रकार से सैन्य संगठन है।

यूरोपीय यूनियन के पास अपनी एकल मुद्रा है जिसे यूरो कहा जाता है तथा यह मुद्रा यूरोपीय यूनियन के लगभग सभी देशों में मान्यता प्राप्त है तथा यूरोपीय यूनियन में एक संगीन वीजा की व्यवस्था की गई है जिसके द्वारा कोई व्यक्ति एक वीजा पर यूरोपीय यूनियन के सभी देश में घूम सकता है जहां पर संगीन वीजा को मान्यता दी गई है।


वर्ष 2020 में यूरोपीय यूनियन की जीडीपी विश्व की 14% थी तथा यह जीडीपी अमेरिका को कड़ी प्रतिस्पर्धा देती है। 


यूरोपीय यूनियन एक बहुत ही प्रभावी संगठन है जो विश्व में बड़ी तेजी से अपना विकास कर रहा है तथा विश्व के कई क्षेत्रों पर उसका प्रभाव है तथा यह संगठन विश्व के किसी भी मुद्दे में हक से वाद विवाद कर सकता है।



चाइना 

अगर हम चाइना की बात करें तो चाइना भी विश्व में बढ़ती हुई अर्थव्यवस्थाओं में से एक है तथा यह शक्ति का केंद्र बन चुका है

शुरुआत में चीन एक शांतिपूर्ण देश के रूप में माना जाता है तथा वह अपने पड़ोसी देशों के साथ अच्छे व्यापारिक संबंध रखता था। सन 1949 में चीन में कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार बनी जिसके बाद चीन का रवैया पूरी तरह से बदल गया।


माओ के शासन के तहत चीन की अर्थव्यवस्था का विकास बड़ी तेजी से हुआ तथा वह एक आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था बन गई परंतु माओ की मृत्यु के बाद अगले नेता देंग शियाओपिंग बने तथा उन्होंने आर्थिक मोर्चे मैं कुछ बदलाव लाए इसके बाद सन् 1978 में चीन ने अपने देश के व्यापार के दरवाजे पूरे विश्व के लिए खोल दिए थे।
इसके बाद चीन के अर्थ वास्तव में बड़ी तेजी से उछाल आया तथा उसे विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में गिना जाने लगा। इसके बाद चीन ने इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्शन के ऊपर कार्य किया तथा उसे विश्व में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ अमेरिका के लिए चीन एक प्रतिस्पर्धा के रूप में दिखाई दे रहा था कथा विश्व के कई देश चीन के साथ संबंध बनाने मैं लगे हुए थे।

सैन्य शक्ति : चीन के पास 2 मिलियन से अधिक सक्रिय फौज है जो सक्रिय रूप से कार्य कर रही है। चीन के पास परमाणु हथियार है जो यह दर्शाते हैं कि चीन विश्व में सैन्य शक्ति के रूप में अधिक प्रभावी है। चीन ने परमाणु हमले से बचने के लिए कई प्रकार की पनडुब्बियों का निर्माण किया है जो सक्रिय हैं। चीन ने वायु सेना को बेहतर बनाने के लिए अधिक से अधिक जेट खरीदे तथा उनमें मिसाइलों और परमाणु हथियारों का विकास किया। चीन को हथियारों का निर्यात अब भी माना जाता है तथा यह तीसरे स्थान पर है।

रूस :

रूस का इतिहास:- 

वर्तमान में रूस विश्व की विकसित देशों किस श्रेणी में आता है। रूस सोवियत संघ का एक हिस्सा था तथा रूस के बड़े क्षेत्रफल के कारण रूस एक प्रकार से सोवियत संघ पर हावी था, सोवियत संघ की सभी सुविधाएं तथा सभी प्रकार की अच्छी व्यवस्था रूस को प्राप्त हुई सहित सोवियत संघ में 14 और राज्य थे परंतु उन राज्यों का महत्व इतना नहीं था जितना रूस को महत्व प्राप्त था। 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद 15 नए राज्यों का उदय हुआ जिसमें से रूस एक था।


15 नए राज्यों के उदय होने के बाद उन राज्यों की अर्थव्यवस्था बहुत ही खराब थी रूस की अर्थव्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई थी तथा उसकी अर्थव्यवस्था समय के साथ-साथ नीचे गिरती जा रही थी। 


1990 के दशक में भ्रष्टाचार अराजकता तथा अपराधियों की संख्या बड़ी तेजी से बढ़ती जा रही थी जिसके कारण उस समय के तत्काल राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन ने सप्ताह से इस्तीफा दे दिया तथा सत्ता पुतिन के हाथों में आ गई।
इसके बाद पुतिन ने रूस में बड़ी तेजी से विकास किया तथा जीडीपी को लगभग 7% बढ़ा दिया था पुतिन ने राष्ट्रपति बनने के बाद रूस के आंतरिक विकास पर अधिक ध्यान दिया।

रूस की जनता ने सन 2008 में बढ़ती तेल की कीमतों को देखकर अर्थव्यवस्था को फिर से नीचे जाते हुए देखा परंतु 2016 में फिर अर्थव्यवस्था ने गति पकड़ी और विकास की राह पर आ गई।


जैसा कि आपको पता है कि रूस के लोकतंत्र में पश्चिमी रूप का कोई भी अंग उपलब्ध नहीं है जिससे कई लोग रूस पर आरोप लगाते हैं कि रूस ने मानव अधिकारों का उल्लंघन होता है तथा वहां पर तानाशाही सरकार है। 


रूस के पास कई प्रकार की सुविधाएं हैं जैसे कि
रूस के परमाणु हथियारों की उपलब्धता है क्योंकि सोवियत संघ के विघटन के बाद सोवियत संघ के सभी परमाणु हथियार उसको दे दिए गए थे।
रूस के पास बड़ी मात्रा में खनिज उत्पादन उपलब्ध है क्योंकि यूरोप और एशिया के क्षेत्रफल के तौर पर रूस एक बहुत बड़ा देश है।
रूस विश्व की महा शक्तियों में से एक है तथा यूनाइटेड नेशन में उसे प्रमुख सदस्यों के रूप में स्थान प्राप्त है।

रूस के विश्व के कई देशों के साथ अच्छे संबंध है जो यह दर्शाते हैं कि रूस एक समृद्ध देश है तथा रूस ने कई संगठनों की सदस्यता प्राप्त कर रखी है वह संगठन निम्नलिखित हैं


  • WHO
  • UN
  • G20
  • APEC
रूस और चीन के बीच संबंध बहुत ही अच्छे हैं तथा इनके बीच में कई प्रकार की संधि भी हुई हैं, तेल और गैस पाइपलाइन दोनों के निर्माण से रूस-चीन द्विपक्षीय संबंधों में योगदान से रूस के क्षेत्र चीन से जुड़ रहे हैं।

सैन्य शक्ति : रूस सैनिक शक्ति के क्षेत्र में विश्व में एक उचित स्थान रखता है रूस के पास बहुत ही उत्तम प्रकार की सेना तथा हथियारों की उपलब्धता है। रूस ने जमीनी सेना वायु सेना तथा जल सेना तीनों पर अधिक से अधिक बेहतर बनाने की कोशिश की है।रूस में 18 वर्ष से अधिक तथा 28 वर्ष से कम प्रत्येक पुरुष को सेना में भर्ती होना अनिवार्य है तथा रूस के पास विश्व के सबसे खतरनाक हथियार है जिसमें परमाणु हथियार भी आते हैं तथा वर्तमान में रूस हथियारों का एक बड़ा निर्यातक देश भी है भारत भी रूस से कई प्रकार के हथियारों की खरीद करता है।


रूस का रक्षा बजट भी बहुत ही अधिक है तथा वह अपनी सेना पर अधिक से अधिक धन खर्च करता है।
रूस अपने तेल, प्राकृतिक गैस और साथ ही दुनिया भर में बड़ी संख्या में लकड़ी का निर्यात करता है। 


Download Complete Notes

DU SOL 4th Semester Political Science DSE  अंतरराष्ट्रीय संबंधों का परिचय Unit 1 to 3 Complete Chapters Explain in Hindi Notes PDF available. Click Here


Watch Our This Notes Explanation Video on Youtube

The Learners Community and Technology

Hello Everyone I am Dhruv. I am here to provide you your study notes. We Study your books and topics and after doing research on the Internet we Make your Notes. We try to provide you quality notes and content. Please share your feedback with us. Thanking you for visiting our Website

email-signup-form-Image

Subscribe

THE LEARNERS COMMUNITY DU SOL NOTES BLOG